शासकीय महाविद्यालय, नारायणगंज, मंडला एवं शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नारायणगंज के परिसर में आज 20वाँ गाजरघास जागरूकता सप्ताह 2025 के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर गाजरघास उन्मूलन अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 150 छात्र-छात्राओं एवं स्टाफ सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत उद्बोधन से हुआ, जिसे शासकीय महाविद्यालय, नारायणगंज, मंडला के प्राचार्य श्री एडमोन लाकड़ा जी ने प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि डॉ. पी. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं गाजरघास जागरूकता सप्ताह 2025 के समन्वयक ने अपने संबोधन में गाजरघास (Parthenium hysterophorus) के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आक्रामक खरपतवार न केवल फसलों की उत्पादकता को प्रभावित करता है, बल्कि मानव एवं पशु स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने बताया कि यह खरपतवार पूरे वर्षभर बंजर भूमि, औद्योगिक क्षेत्र, सड़क किनारे, आवासीय इलाकों तथा कृषि क्षेत्रों में तेजी से फैलकर खाद्यान्न फसलों, सब्जियों और बागवानी पौधों को हानि पहुँचाता है। इसके कारण जैव विविधता एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए इसके प्रबंधन हेतु सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने नियंत्रण उपायों का उल्लेख करते हुए ज़ायगोग्राम्मा बाइकोलोराटा कीट द्वारा जैविक नियंत्रण की सफलता की जानकारी भी दी। इस अवसर पर डॉ. अर्चना अनोखे ने गाजरघास के एकीकृत प्रबंधन पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों एवं स्टाफ द्वारा जागरूकता रैली भी निकाली गई। इसके साथ ही गाजरघास से ग्रस्त स्थलों पर ज़ायगोग्राम्मा कीट छोड़ा गया तथा कुछ छात्रों एवं स्टाफ सदस्यों को ये कीट वितरित भी किए गए, ताकि वे इसे अपने-अपने क्षेत्र में गाजरघास नियंत्रण हेतु उपयोग कर सकें।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर वैज्ञानिक—डॉ. अर्चना अनोखे, डॉ. जे. के. सोनी, डॉ. दीक्षा एम. जी. एवं श्री संदीप धागत (सीटीओ), श्री एम. के. मीणा (एसीटीओ), शासकीय महाविद्यालय, नारायणगंज के प्राचार्य श्री एडमोन लाकड़ा जी तथा शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नारायणगंज के प्राचार्य श्री आर. के. भांडे जी सहित समस्त स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।