20 अगस्त 2025 को मादा गाँव, पाटन विकासखण्ड, जबलपुर में 20वें गाजरघास जागरूकता सप्ताह 2025 के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सहयोग से किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनसाधारण को गाजरघास के हानिकारक प्रभावों से अवगत कराना और इसके प्रबंधन के उपायों की जानकारी प्रदान करना था, ताकि समाज में इस आक्रामक खरपतवार के प्रति जनचेतना विकसित हो तथा सामूहिक प्रयासों से इसके उन्मूलन की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें। कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम सरपंच श्री स्नेह कुमार के स्वागत उद्बोधन से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधान कृषि वैज्ञानिक एवं गाजरघास जागरूकता सप्ताह के आयोजन के समन्वयक डॉ पी के सिंह थे। अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी, कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमति नेहा बर्वे एवं देव आनंद सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
डॉ. पी. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं गाजरघास जागरूकता सप्ताह 2025 के समन्वयक ने गाजरघास के दुष्प्रभावों और वैज्ञानिक प्रबंधन पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि गाजरघास फसल उत्पादन के साथ-साथ मानव एवं पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जन-जागरूकता और सहभागिता के माध्यम से ही इसके उन्मूलन को सफल बनाया जा सकता है। डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने गाजरघास से तैयार गाजरघास स्वरष की उपयोगिता बताते हुए कहा कि यह मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाकर मृदा स्वास्थ्य सुधार में सहायक है। उन्होंने सहभागी दृष्टिकोण अपनाकर माड़ा गाँव को “गाजरघास मुक्त गाँव” बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में गाजरघास के प्राकृतिक शत्रु मैक्सिकन बीटल (ज़ायगोग्राम्मा कीट) के जीवंत नमूने भी प्रदर्शित एवं वितरित किए गए तथा किसानों को प्रभावित क्षेत्रों में छोड़ने हेतु प्रेरित किया गया। इस आयोजन में लगभग 100 लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। इस अवसर पर वैज्ञानिक- डॉ. अर्चना अनोखे, डॉ. दीपक पवार, डॉ. जे. के. सोनी, डॉ. दीक्षा एम. जी., श्री एम. के. मीणा (एसीटीओ) तथा राज्य कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। प्रगतिशील किसान श्री कैलाश यादव, श्री उत्तम सिंह ठाकुर एवं श्री खिलावन यादव ने भी अपनी सहभागिता से आयोजन की शोभा बढ़ाई। बड़ी संख्या में किसानों, ग्रामीण युवाओं, महिला समूहों एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर गाजरघास मुक्त गाँव बनाने का संकल्प लिया।