गाजरघास आज देशभर में कृषि उत्पादन, पर्यावरण तथा मानव एवं पशु स्वास्थ्य के लिए महामारी के रूप में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह आक्रामक खरपतवार खाली पड़ी भूमि, सड़क किनारे एवं अनुपयोगी जगहों से बढ़कर अब खाद्यान्न फसलो, सब्जियों और उद्यानिकी फसलों में तेजी से फैल रहा है। इसकी बढ़ती उपस्थिति उपयोगी वनस्पतियों एवं स्थानीय जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। इसी गंभीर समस्या पर जन-जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर के तत्वावधान में 20वां राष्ट्रीय गाजरघास जागरूकता सप्ताह दिनांक 16 से 22 अगस्त 2025 तक पूरे देशभर में आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, राज्य कृषि विभागों, समन्वित खरपतवार प्रबंधन परियोजना केन्द्रों, विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं समाजसेवी संगठनों ने सक्रिय भागीदारी की। सप्ताह के दौरान जागरूकता रैलियाँ, व्याख्यान, संगोष्ठियाँ, वेबिनार, कार्यशालाएँ, गाजरघास उन्मूलन अभियान, जैविक कीटों का प्रक्षेपण एवं वितरण, किसानों से ऑनलाइन संवाद और यूट्यूब लाइव कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन गतिविधियों से पूरे देश में लगभग दस लाख से अधिक लोगों तक गाजरघास प्रबंधन पर संदेश पहुँचाया गया।
जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक : 16/08/2025 को डॉ. जे.एस. मिश्र निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय द्वारा किया गया। उन्होंने सामुदायिक भागीदारी और एकीकृत खरपतवार प्रबंधन रणनीतियों पर बल देते हुए गाजरघास से बायोचार एवं उच्च गुणवत्ता वाले कम्पोस्ट बनाने जैसी संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, सामान्य जनमानस एवं कृषक शामिल हुए। जागरूकता सप्ताह का समापन दिनांक : 22/08/2025 जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर में कुलपति डॉ. पी.के. मिश्र के मुख्य आतिथ्य एवं विशिष्ट अतिथि श्री राजीव कुमार सिंह, सचिव, विंग्स वेलफेयर सोसाइटी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, वैज्ञानिक, जनमानस एवं किसान उपस्थित रहे।
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. जे.एस. मिश्र, निदेशक, भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर ने की तथा राष्ट्रीय गाजरघास जागरूकता सप्ताह का संयोजन डॉ. पी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा किया गया। आयोजन समिति में डॉ. अर्चना अनोखे, डॉ. दीपक पवार, डॉ. जे.के. सोनी और डॉ. दीक्षा एम.जी. ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देशभर के वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों एवं किसानों की सहभागिता से सम्पन्न यह जागरूकता सप्ताह गाजरघास जैसी गंभीर समस्या के प्रबंधन की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध होगा ।