भा.कृ.अनु.प.-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर में दिनांक 15 सितम्बर, 2025 को हिन्दी पखवाड़ा शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ.जे.एस. मिश्र, निदेशक/अध्यक्ष रा.का. समिति, डॉ. पी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक/सह-अध्यक्ष रा.का. समिति एवं मुख्य अतिथि डॉ. पंकज कुमार, ए.जी.एम., बी.आर.बी.आर.ए.आई.टी.सी., जबलपुर, द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई। मुख्य अतिथि डॉ. पंकज कुमार द्वारा “मन ही औषधि“ विषय पर व्याख्यान दिया। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन मे कहा कि हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है, जो इसे एक वैश्विक महत्व प्रदान करती है। हिन्दी भाषा विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृतियों के बीच एक सेतु का काम करती है।
इस अवसर पर निदेशालय के निदेषक डॉ.जे.एस. मिश्र ने हिन्दी पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में सम्मिलित होने, वर्षभर हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य करने हेतु प्रेरित किया एवं राजभाषा प्रतिज्ञा दिलाई एवं माननीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री, भारत सरकार के संदेश का वाचन किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी एक भाषा ही नही हमारी विरासत भी है जिसे कायम रखना हमारा कर्तव्य है। हिन्दी भाषा की मौलिकता, वैज्ञानिकता, सरलता एवं सहजता साथ ही अन्य सभी भाषाओं को स्वीकार्य करना ही इसकी वास्तविक शक्ति है।
डॉ. पी.के. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि विविधता में एकता लाने एवं राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने में हिंदी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने हिंदी के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे यह और भी प्रासंगिक हो गई है। कार्यक्रम में निदेशालय के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों सहित 100 प्रतिभागियों ने भाग लेते हुये वर्षभर अपने कार्यालयीन कार्य हिन्दी में अधिक से अधिक करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगिता घरडे, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं आभार प्रदर्शन श्री मुकेष कुमार मीणा, प्रभारी राजभाषा द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यान्वयन समिति के सदस्यों एवं विभिन्न आयोजन समितियों के सदस्यों द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया।