माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ११ अक्टूबर, २०२५ को तीन ऐतिहासिक पहलों — प्रधान मंत्री धन धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, तथा राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन का शुभारंभ सहित नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र के समग्र विकास, विशेष रूप से 100 चयनित आकांक्षी जिलों में कृषि को सशक्त बनाने के लिए 42,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। इन पहलों का उद्देश्य भारतीय कृषि को मजबूत बनाना, उत्पादकता बढ़ाने, आधारभूत ढांचे में सुधार करने, और सतत खेती को प्रोत्साहित करना है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में हुई महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की कृषि अब नवाचार, आत्मनिर्भरता और सतत विकास के नए युग में प्रवेश कर रही है। इन पहलों के माध्यम से हमारे किसान न केवल देश का पेट भरेंगे, बल्कि देश को समृद्धि की दिशा में अग्रसर भी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं राज्य कृषि मंत्रीगण, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रतिनिधि, राज्य कृषि विभागों के अधिकारी, तथा देशभर के लाखों किसान प्रत्यक्ष और आभासी रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण में किसानों और कृषि क्षेत्र के समर्थन हेतु GST 2.0 के लाभों का उल्लेख किया। वहीं मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने अपने संबोधन में इन क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। कार्यक्रम के दौरान शुरू किया गया दलहन आत्मनिर्भरता मिशन भारत को अरहर, उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखना है।
यह मिशन उच्च गुणवत्ता वाले बीज वितरण, क्लस्टर आधारित खेती, जलवायु सहनशील नवाचारों और आधुनिक फसलोपरांत अवसंरचना पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम के तहत आईसीएआर-खरपतवार अनुशंधान निदेशालय, जबलपुर में लगभग 303 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें निकटवर्ती गांवों के किसान, निर्देशालय के वैज्ञानिक एवं अन्य कर्मचारी शामिल थे। कुल प्रतिभागियों में से 104 महिलाएं थीं और 3 सरपंचों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती, दलहन मिशन, और फसल में खरपतवार प्रबंधन पर संक्षिप्त व्याख्यान भी प्रस्तुत किए गए। उपरोक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता, निदेशालाय्के निदेशक डॉ जे एस मिश्र, ने की तथा प्रतिभागियों को संबोधित किया, डॉ पीके सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम संयोजक ने उर्रोक्त मिशन की महत्ता बताई।