अनुसूचित जाति के किसानों का खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने एवं उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य के साथ खरपतवार अनुसंधान निदेषालय द्वारा निदेशालय के सभागार में दिनांक 31.01.2020 को कृषक परिचर्चा एवं प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस परिचर्चा में मझौली क्षेत्र के सुहजनी एवं कंटगी क्षेत्र के डुंगरिया के लगभग 120 अनुसूचित जाति के किसान भाई एवं बहनों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत में योजना की नोडल अधिकारी डॉ. योगिता घरडे ने सभी का स्वागत करते हुए उन्हे भारत सरकार की इस योजना के उद्देश्यो से सभी कों अवगत कराया एवं विगत 6 माह में इस योजना के अन्तर्गत आयोजित गतिविधियों का वर्णन किया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ पी.के. सिंह, निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय ने किसानों को अवगत कराया कि अनुसूचित जाति उप योजना का उद्देश्य केवल कृषि इनपुट का वितरण करना नही वरन् उन्हें कृषि उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी ज्ञान देना भी है।
                            
                         
                        
                            
                                जिससे किसानों पर कृषि इनपुट खरीदने का बोझ कम पड़े एवं तकनीकी ज्ञान की सहायता से किसान कम लागत वाली तथा अधिक मुनाफा देने वाली तकनीकियों का उपयोग कर अपनी आय बढ़ाये एवे जीवन स्तर ऊचॉ उठाये। इसके साथ ही डॉ. सिंह ने कृषि उत्पादन में खरपतवार प्रबंधन की महत्व बताई। उन्होनें बताया कि अन्य कीटों की तरह खरपतवारों का प्रत्यक्ष नुकसान नहीं दिखता है परंतु ये अन्य कीटों की अपेक्षा बहुत अधिक नुकसान पहुचाते हैं साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। अतः फसलों के संभावित उत्पादन के लिए समय पर इसका नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है।
                            
                         
                        
                            
                                इस अवसर पर निदेशालय के विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों जैसे डॉ. सुशील कुमार, डॉ. आर. पी. दुबे, डॉ के.के बर्मन एवं डॉ वी.के. चौधरी द्वारा खरपतवारों का उपयोग कर कम्पोस्ट बनाने की विधि, मृदा स्वास्थय परीक्षण, जैविक खेती आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। किसानों को कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाशित विस्तार पुस्तिकाओं का भी वितरण किया गया। अंत में उन्हें निदेशालय के प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया एवं खरपतवार प्रबंधन की नई उन्नत तकनीकियों से उन्हें अवगत कराया गया। इस अवसर पर निदेशालय के डॉ दिबाकर घोष, डॉ सुभाष चन्दर, श्री दिबाकर रॉय, श्री एस.के. पारे, श्री एम.के. मीणा एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।