भा.कृ.अनु.प.- खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर ने 22 अप्रैल 2025 को अपने 37वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत परिषद की महिमा गीत से हुई, जिसके पश्चात निदेशालय के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्र द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। उन्होंने खरपतवार विज्ञान के क्षेत्र में निदेशालय की प्रमुख उपलब्धियों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला | इस अवसर के मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. नायक, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में सहभागिता की। अपने संबोधन में उन्होंने शाकनाशी प्रतिरोधी फसलों में खरपतवार प्रबंधन प्रथाओं के विकास पर जोर दिया और बदलते जलवायु परिदृश्य में शाकनाशी प्रतिरोधी खरपतवारों की समस्या को संबोधित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. पी.के. मिश्रा, कुलपति, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर; डॉ. मंदीप शर्मा, कुलपति, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर; डॉ. ए. वेलमुरुगन, सहायक महानिदेशक (मृदा एवं जल प्रबंधन), भा.कृ.अनु.प.; डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-अटारी, जबलपुर; तथा डॉ. ए.के. विश्वकर्मा, परियोजना समन्वयक, एआईसीआरपी तिल एवं रामतिल शामिल थे। स्थापना दिवस व्याख्यान डॉ. ए.के. पांडे, पूर्व कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने आधुनिक जैविक विधियों द्वारा खरपतवार प्रबंधन तथा खरपतवारों की उपयोगिताओं पर शोध करने की आवश्यकता जताई। इस अवसर पर निदेशालय द्वारा कई महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन किया गया, जिनमें वार्षिक उपलब्धियां, संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट, तकनीकी बुलेटिन, 19वें गाजरघास जागरूकता सप्ताह रिपोर्ट, वीड न्यूज तथा शोध संकलन शामिल है।
इस अवसर पर पनागर, कुण्डम तथा सिहोरा क्षेत्र में चल रहे निदेशालय के विभिन्न विस्तार एवं सहभागी कार्यक्रमों से जुड़े पांच प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया | साथ ही वर्ष 2024-25 के दौरान संस्थान में विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को उनके उपलब्धियों के आधार पर ‘बेस्ट वर्कर अवार्ड ’ एवं 25 वर्षों से अधिक सेवा पूर्ण करनेवाले तथा मार्च 2026 तक सेवानिवृत्त होनेवाले कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया | कार्यक्रम का आयोजन हाइब्रिड मोड (भौतिक एवं वर्चुअल) में किया गया, जिसमें लगभग 150 वैज्ञानिकों, कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न संस्थानों, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, किसानों एवं शिक्षाविदों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की । इसके अतिरिक्त 47 प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का समापन डॉ. पी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं संयोजक द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ । कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगिता घरडे, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया ।